Posts

Showing posts from April, 2023

प्रेम #2

 मिलते हैं मुशाफिर चलते रास्तों में, उन्हें मालूम हैं उनकी मंजिल कहाँ हैं, मिल जाए कोई हमसफऱ रास्ते के दर्द भूल जाते हैं, मंजिल के मिलने की खुशियाँ जोड़ जाते हम।🙏🏻🙏🏻

प्रेम की सीमाए

 सीमाओं में बाँधना चाहता हूँ मैं खुद को पर तुम्हें याद कर सीमाए भूल जाता हूँ फिर सोचता हूँ मेरे तकदीर में क्या हैं जब उन्हें खुद मुझ पर विश्वास न  हैं।